भारत में दिल्ली सल्तनत का प्रथम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ई०) था। इसी को भारत में ममलूक/दास/गुलाम वंश का संस्थापक कहा जाता है| किन्तु दिल्ली सल्तनत के वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश (1211-1236 ई०) को माना जाता है।
शासनकाल – 1206 – 1210 ई.
राज्यारोहण – मुहमंद गौरी की मृत्यु के बाद 25 जून 1206 ई. को लाहौर (Lahore) में हुआ| राज्यारोहण के समय ऐबक ने सुल्तान की उपाधि ग्रहण नहीं की बल्कि स्वयं को मलिक या सिपहसालार की पदवी ग्रहण की |
गुरु – ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी।
उपाधि – लाख बक्श, पील बक्ख, हातिम द्वितीय, कुरानख्वाँ।
मृत्यु – नवम्बर 1210 ई. में लाहौर में चौगान (Polo) खेलते समय घोड़े से गिर जाने के कारण मृत्यु हो गई|
सांस्कृतिक उपलब्धि
साहित्य
फक्र ए मुदब्बिर एवं हसन निजामी उसके दरबार के प्रसिद्ध विद्वान थे| हसन निजामी ने “ताजुल मासिर” तथा फक्र ए मुदब्बिर ने “आदाब उल हर्ब और अलशुजाता” नामक ग्रंथो की रचना की|
स्थापत्य कला
ऐबक ने दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण करवाया | यह भारत में इस्लामी पद्धति पर आधारित प्रथम मस्जिद मानी जाती है| जो पृथ्वीराज तृतीय के किले रायपिथौरागढ़ के स्थान पर निर्मित है| इस मस्जिद का निर्माण 27 जैन व हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया गया| ऐबक द्वारा निर्मित दूसरी मस्जिद अढ़ाई दिन का झोपड़ा, अजमेर में स्थित है
ऐबक ने दिल्ली में 1199 ई० में सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार (73 metre /239.5 feet) का निर्माण कार्य शुरू करवाया किन्तु आकस्मात् मृत्यु के कारण उसे पूरा नहीं करवा सका, जिसे 1230-31 ई० में इल्तुतमिश (ऐबक का दामाद) ने पूर्ण करवाया।
आरामशाह (1210 AD)
कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद आरामशाह (8 माह) शासक बना, किन्तु यह एक अयोग्य शासक था | अतः अमीर सरदारों में प्रमुख अली स्माइल के निमंत्रण पर इल्तुतमिश ने दिल्ली पर आक्रमण किया| आरामशाह व इल्तुतमिश के मध्य जड़ (दिल्ली के निकट) युद्ध हुआ जिसमें इल्तुतमिश विजयी हुआ तथा आरामशाह की हत्या कर दी गयी |