चंद कालीन सबसे पुराना अभिलेख थोहरचंद का प्राप्त हुआ है।
चंद वंश के शासक भारतीचंद ने 12 वर्षों तक डोटियों से युद्ध किया था।
चंद वंश के शासक कल्याण चंद द्वारा गंगोलीहाट को विजित किया गया था।
कत्यूरी शासकों की शीतकालीन राजधानी डिकुली (नैनीताल) थी।
ब्रिटिश कमिश्नर हैनरी रैम्जे को कुमाऊँ का मुकुट रहित राजा के नाम से संबोधित किया जाता है।
उत्तराखंड में स्थित प्रमुख धामों केदारनाथ में बद्रीगाय और बद्रीनाथ में चवरगाय के दूध से दुग्धाअभिषेक किया जाता है।
पिथौरागढ़ जिले में उत्तराखंड का पहला Water ATM स्थापित किया गया है।
टिम्मरसैंण गुफा उत्तराखंड में नीति घाटी (चमोली) में स्थित है। टिम्मरसैंण गुफा में भी अमरनाथ गुफा की तरह प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है।
चंद वंश के शासक सोमचंद द्वारा उत्तराखंड में प्रथम बार पंचायती राजव्यवस्था को लागू किया गया था।
पंवार वंश के शासक कीर्तिशाह को इंग्लैंड में 11 तोपों की सलामी दी गयी थी। कीर्तिशाह द्वारा ही हिंदी टाइपराइटर का अविष्कार किया गया था।
चमोली निवासी देवेन्द्र प्रसाद द्वारा रामायण व श्रीमद्भागवत गीता का गढ़वाली भाषा में अनुवाद किया गया था।
चल्याखोड़ भेड़ पालन केंद्र, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।
रेणी गांव (चमोली), ऋषि गंगा व पश्चिम धोली गंगा नदियों के संगम पर स्थित है।
वर्ष 1908 में उत्तराखंड में प्रथम कुली एजेंसी की स्थापना की गयी थी। जिसका मुख्यालय पौड़ी गढ़वाल में स्थित है।
उत्तराखंड राज्य का रेशम कीट पालन प्रशिक्षण केंद्र देहरादून जिले में स्थित है।
वालपाटा बुग्याल (Valpata Bugyal) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।
लक्षेश्वर मंदिर (Lakeshwar Temple) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
कत्यूरी घाटी, बागेश्वर में गोमती नदी के किनारे स्थित है।
प्राचीन कोट माई मंदिर उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित है।
कुषाण शासकों की मुद्रायें मोरध्वज से प्राप्त हुई है।
राजराजेश्वरी मंदिर उत्तराखंड के रणिहाट गांव, श्रीनगर में स्थित है।
Bride and Corner पर्यटक स्थल उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है।
कल्पकेदार मंदिर, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।