हरिराम त्रिपाठी द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् (Vande Mataram) का कुमाऊंनी भाषा में अनुवाद किया गया। वंदे मातरम् (Vande Mataram) गीत की रचना बंकिमचंद्र चटोपाध्याय द्वारा की गयी थी, यह गीत बांग्ला-संस्कृत मिश्रित भाषा में लिखा गया है।
वर्ष 1989 में यशोधर मठपाल ने “फड़का नौली (अल्मोड़ा)” के शैलाश्रय की खोज की।
उत्तराखंड में निवास करने वाली खस जाति में झटैला और टैकुवा नामक सामाजिक प्रथा प्रचलित थी।
कुमाऊँ में कमिश्नर हैनरी रैम्जे द्वारा वर्ष 1858 में वन कानून से संबंधित पुरानी ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर दिया गया था।
स्टिफी और नेल्सन द्वारा उत्तराखंड में जगंलात बन्दोबस्त किया गया था।
उत्तराखंड वन आंदोलन के दौरान जेल जाने वाली प्रथम महिला दुर्गा देवी थी।
वर्ष 1930 में नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में पंचायती वनो की स्थापना की गयी थी।
वन आन्दोलनों के दौरान गौरीदत्त पाण्डे (गौर्दा) द्वारा “वृक्षान को विलाप” शीर्षक से कुमाऊंनी में कविताएं लिखी गयी थी।
थमारी कुण्ड उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जनपद में स्थित है।
पौड़ी-गढ़वाल जिले में स्थित दुगड्डा नामक नगर लंगूरगाड़ व सिलगाड नदी के संगम पर स्थित है।
उत्तराखंड में स्थित मोहनखाल और नागनाथ नामक स्थान तांबे के लिए प्रसिद्ध है।
द्वाराहाट को उत्तराखंड का खजुराहो तथा मंदिरो की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
21 फरवरी 2009 से मसूरी में ईको टेक्स (EcoTax) लेने की शुरुआत की गयी थी।
वर्ष 2014 में तीलू रौतेली योजना (Teelu Rauteli Scheme) की शुरुआत की गयी थी।
प्रत्येक वर्ष 17 दिसंबर को गंगा स्वच्छता दिवस मनाया जाता है।
चमोली जनपद के सलूंड-डुंगरा गांव में प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में रम्माण उत्सव का आयोजन किया जाता है।
नवंबर 2008 में गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया गया था।
वर्ष 1847 में नैनीताल को हिल स्टेशन घोषित किया गया था।
उधमसिंह नगर जनपद को उत्तराखंड का उदय नाम से भी जाना जाता है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में प्रत्येक वर्ष झल्ली महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
टैगोर टाप, नामक पर्यटक स्थल उत्तराखंड के रामगढ़, नैनीताल जनपद में स्थित है।
उत्तर भारत का एकमात्र राहु मंदिर उत्तराखंड के पैठाणी, पौड़ी-गढ़वाल जनपद में स्थित है।
बाजपुर का प्राचीन नाम मुंडिया था।
राजी जनजाति के लोगों के आवास को रौत्युड़ा कहा जाता है।
लोहिया हेड जलविद्युत परियोजना (Lohia Head Hydropower Project ), शारदा नदी पर स्थित है।
मानसखण्ड में बालेश्वर मंदिर (चंपावत) का उल्लेख किया गया है।
उत्तराखण्ड न्यायिक एवं विधिक अकादमी, भवाली, नैनीताल (Uttrakhand Judicial and Legal Academy, Bhawali, Nainital) में स्थित है।
बाणासुर का किला, उत्तराखंड के चंपावत जनपद के लोहाघाट नगर से लगभग 6 KM की दूरी पर कर्णकरायत नामक स्थान पर स्थित है। इसे मारकोट के नाम से भी जाना जाता है।
वर्ष 1983 में यशोधर मठपाल द्वारा लोक संस्कृति संग्रहालय की स्थापना की गयी थी।
उत्तराखंड में टिकुली नामक स्थान से बौद्ध मूर्तियाँ प्राप्त हुई है।
वर्ष 1976 में कुमाऊं मंडल विकास निगम की स्थापना की गई थी।