विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF) ने 16 अक्टूबर 2018 को प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं वाली 2018 की लिस्ट जारी कर दी है, इस सूची में भारत 58वें नंबर पर है, अमेरिका इस वर्ष सूची में शीर्ष पर रहा, वर्ष 2008 के बाद अमेरिका पहली बार नंबर-1 पर रहा है|
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF) का कहना है कि वर्ष 2017 के मुकाबले भारत के स्थान या रैंकिंग में 5 अंकों का सुधार हुआ है, इस रिपोर्ट में भारत (India) 62 अंकों के साथ 58वें स्थान पर है, विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF) की लिस्ट में 140 देश शामिल हैं|
मुख्य तथ्य:
- विश्व आर्थिक मंच की ओर से जारी 140 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में अमेरिका के बाद सिंगापुर दूसरे और जर्मनी तीसरे स्थान पर है. वहीं, सूची में पड़ोसी देश चीन को 28वां स्थान मिला है|
- इस सूची में पहला स्थान यानी सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की जगह अमेरिका को मिली है|
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के अलावा अन्य सभी प्रतियोगी क्षेत्रों में आगे है, इन क्षेत्रों में श्रीलंका भारत के मुकाबले आगे है. द्वीपीय देश में सेहतमंद जीवन प्रत्याशा 67.8 वर्ष है और वहां के कामगारों में शिक्षा भी बेहतर है|
- विश्व आर्थिक मंच की इस सूची में शीर्ष-10 देशों में अमेरिका, सिंगापुर, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, जापान, नीदरलैंड, हांगकांग, ब्रिटेन, स्वीडन और डेनमार्क शामिल हैं|
- इस सूची में रूस 65.6 अंकों के साथ 43वें, दक्षिण अफ्रीका 60.8 अंकों के साथ 67वें और ब्राजील 59.5 अंकों के साथ 72वें स्थान पर हैं|
इन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत:
विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी लाभों में उसके बाजार का आकार, नवोन्मेष (Innovation) आदि शामिल हैं. हालांकि, देश को अपने श्रम बाजार (विशेष रूप से कामगारों के अधिकारों), उत्पाद बाजार (व्यापार शुल्क) तथा कौशल खासकर छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार करने की जरूरत है|
चीन और भारत उच्च-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के करीब:
रिपोर्ट के अनुसार ऊपरी और निम्न मध्य आय वर्ग में अच्छा प्रदर्शन करने वाले चीन और भारत जैसे देश उच्च-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के करीब पहुंच रहे हैं और उनमें से कई देश को पीछे भी छोड़ रहे हैं, रिपोर्ट के अनुसार अनुसंधान और विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश के मामले में चीन औसत उच्च-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं से काफी आगे है, जबकि भारत भी इनसे ज्यादा पीछे नहीं है|
विश्व आर्थिक मंच का वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूचकांक (4.0):
विश्व आर्थिक मंच का वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूचकांक 4.0 किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की उत्पादकता और अन्य चीजें तय करने के लिए 12 मानदंडों को ध्यान में रखता है, जिनमें – संस्थाएं, आधारभूत संरचना, तकनीक, मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति, स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल, उत्पाद बाजार, श्रम बाजार, वित्तीय प्रणाली, बाजार का आकार, बिजनेस डायनेमिक्स और नवोन्मेष शामिल हैं.
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF)
विश्व आर्थिक फोरम स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है, इसका मुख्यालय जिनेवा (Geneva) में है, स्विट्जरलैंड (Switzerland) अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है, इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है| इस संस्था की सदस्यता अनेक स्तर पर होती है और ये स्तर उनकी संस्था के कार्य कलापों में सहभागिता पर निर्भर करती है। सदस्यता के लिए वह कंपनी चुने जाते हैं जो विश्व भर में अपने उद्योग में अग्रणी होते हैं अथवा किसी भौगोलिक क्षेत्र के प्रगति में अहम भूमिका निभा रहे होते हैं|