भारत यात्रा पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी व समझौते
तीन दिन के भारत दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी आज राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
मुख्य बिंदु
- दोहरे कराधान सेबचाव और आय पर राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम से संबंधित समझौता।
- राजनियक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा जरूरत से छूट देने के लिए एमओयू (MOU).
- प्रत्यर्पण संधि केअनुसमर्थन के दस्तावेज के लेनदेन।
- बंदरगाह सामुद्रिक संगठन (PMO), ईरान और इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) केबीच अंतरिम अवधि के दौरान चाबाहार के चरण-1 शाहिदबेहेस्ती बंदरगाह के लिए पट्टा अनुबंध।
- दवाओं की पारंपरिक पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू (MOU).
- पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के वास्ते व्यापार में सुधार के उपायों के पर विशेषज्ञ समूह की स्थापना के लिए एमओयू।
- कृषि एवं संबंधित सेक्टरों के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू (MOU).
- स्वास्थ्य एवं दवा के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू (MOU).
राष्ट्रीय केला मेला – 2018
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज तिरुवनंतपुरम, केरल में आयोजित राष्ट्रीय केला मेला, 2018 को सम्बोधित किया। केला एवं प्लैंटेंस उष्ण कटिबंधीय विकसित देशों में लाखों लोगों के लिए व्यापक फाइबर युक्त खाद्य फसल है जिसकी खेती लगभग चार हजार वर्ष पुरानी अर्थात 2020 B.C से की जा रही है।
मुख्य बिंदु
- भारत विश्व में केले का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला देश है, भारत में केले की उत्पादकता 37 मीट्रिक टन प्रति हे. तथा भारत के उष्णकटिबंधीय उप-कटिबंधीय तथा तटीय क्षेत्रों में व्यापक पैमाने में इसकी खेती की जाती है।
- विश्व में केला उत्पादन अफ्रीका, एशिया, कैरिबियन और लैटिन अमेरिका में केन्द्रित है जो वहां की जलवायु की स्थितियों के कारण है।
- आज विश्व के 130 देशों में 5.00 मिलियन हे. क्षेत्र में केला उगाया जाता है जिसमें केले एवं प्लैंटेंस (एफएओ, 2013) का 103.63 मिलियन टन उत्पादन होता है। केले की मांग लगातार बढ़ रही है जिसके कारण वर्ष 2050 तक बढ़कर 60 मिलियन टन हो जाएगी।
- शहरीकरण एवं प्राकृतिक स्थलों पर जंगली केले की खेती में कमी के कारण केले की उपलब्ध अनुवांशिक विविध किस्मों को संरक्षित करने की आवश्यकता है।
- मूसा नामक जंगली प्रजाति और उसकी सहायक किस्में जैविक एवं अजैविक दबावों के विपरीत प्रतिरोधात्मक क्षमता सृजित करने के लिए महत्वपूर्ण स्रोतों का निर्माण करती हैं।
- केले तथा प्लैंटेंस के प्रजनन में उनकी अपनी अंतःनिर्मित समस्याएँ हैं तथा अनुमानित परिणामों को प्राप्त करने के लिये वर्तमान जैव प्रौद्योगिकी उपकरण/कार्यनीतियाँ इस समस्या के समाधान में सहायक हो सकती हैं तथा इसका वास्तविक प्रभाव भविष्य में देखने को मिलेगा।