ई-पशुधन हाट योजना
भारत सरकार द्वारा किसानों और स्वदेशी नस्लों के प्रजनकों जोड़ने के लिए ई-पशुधन हाट पोर्टल लांच किया है। इसके द्वारा किसानों को उन सभी स्त्रोतों के बारे में जानकारी मिलेगी, जहां से वे हिमित वीर्य, भ्रूण तथा जीवित पशु, पशुधन प्रमाणन के साथ प्राप्त कर सकते हैं। यह बोवाइन (गो-जातीय) उत्पादकता पर राष्ट्रीय मिशन की योजना के अंतर्गत शुरु किया गया है। ई-पशुधन हाट पोर्टल स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आवश्यकता
- विश्व भर में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी बोवाइन (गो-जातीय) आबादी है।
- देशी बोवाइन (गो-जातीय) नस्लें उष्मा साध्य हैं तथा रोग और चिचड़ा प्रतिरोधी हैं, तथा यह प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में अच्छी तरह से रह लेती हैं।
- कुछ नस्लों में चुनिंदा आनुवंशिक प्रजनन के साथ इष्टतम पोषण और कृषि प्रबंधन स्थितियों के तहत अत्यधिक उत्पादक होने की संभावना है।
- भारत में डेयरी व्यवसाय किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्त्रोत है।
- भारत में पशुओं की खरीद के लिए कोई प्रमाणिक संगठित बाज़ार नहीं है।
विद्या लक्ष्मी पोर्टल – शिक्षा ऋण योजना
भारत सरकार द्वारा 2015 में विद्या लक्ष्मी पोर्टल की शुरुआत की गयी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति और शैक्षिक ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये शुरू किया गया था ताकि धन के अभाव में अपनी पढ़ाई अधूरी ही छोड़नी पड़ी। यह पोर्टल शैक्षणिक ऋण प्राप्त करने के लिये एक आसान और प्रभावी प्रणाली प्रदान करता है।
प्रमुख बिंदु
- विद्या लक्ष्मी पोर्टल शैक्षणिक ऋण की मांग करने वाले छात्रों के लिए एक आसान और प्रभावी प्रणाली प्रदान करता है।
- इस पोर्टल को नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड की ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (NSDL-eGov) ने वित्त मंत्रालय के वित्त सेवा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की मदद से बनाया है।
- विद्यार्थी इस पोर्टल के डैशबोर्ड सुविधा के माध्यम से किसी भी समय किसी भी जगह से अपने ऋण आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
- सूचना प्राप्त करने और सरकारी छात्रवृत्ति के आवेदन करने के लिये यह वेबसाइट राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से जुड़ी है।
- शैक्षणिक ऋण के लिये केवल एक ही फार्म भरकर आप विभिन्न बैंकों में आवेदन किया जा सकता हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)
- भारत सरकार द्वारा 1-May-2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारंभ किया था और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तेल विपणन कंपनियों जैसे- IOC, BPCL और HPCL के देश भर में फैले वितरकों के नेटवर्क के माध्यम से इसे लागू कर रहा है।
- PMUY के माध्यम से 31 मार्च, 2019 तक प्रथम चरण में 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को बिना किसी जमा राशि के मुफ्त एलपीजी (LPG) कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
- PMUY का लक्ष्य निर्धन परिवारों को खाना पकाने के लिये स्वच्छ ईंधन प्रदान करना है, जिससें इन परिवारों को वायु प्रदूषण के विभिन्न स्वास्थ्य खतरों सुरक्षा मिली है तथा उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार आया है।
- यह योजना प्रत्येक बीपीएल (BPL) परिवार को एलपीजी (LPG) कनेक्शन के लिये 1600 रुपए का वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- इस योजना में शामिल लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना सूची -2011 के आधार पर की गई है और ऐसे मामलों में जहाँ नाम SECC सूची के तहत शामिल नहीं हैं उन लाभार्थियों की पहचान सात श्रेणियों के आधार पर की जाती है-
- एससी/एसटी, पीएमएवाई (ग्रामीण) के लाभार्थी
- अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी
- सबसे पिछड़ा वर्ग
- वन निवासी
- द्वीप समूह के निवासियों
- चाय बागान और पूर्व-चाय बागान जनजातियाँ
- नदी द्वीपों में रहने वाले लोग।