Parliamentary Motion संसदीय प्रस्ताव क्या है (What is parliamentary motion): संसदीय प्रस्ताव, संसद के सदस्यों के बोलने तथा अपनी बात कहने का एक माध्यम है। संसद सदस्य लोक हित से जुड़े मामलों को इन प्रस्तावों के माध्यम से ही संसद में उठाते हैं। संसद सदस्यों
Continue Reading..1765 में, बक्सर की लड़ाई के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा का दीवानी (राजस्व एकत्र करने का अधिकार) मिला। इसने भारत में वाणिज्यिक सह राजनीतिक प्रतिष्ठान के रूप में कंपनी बनाई। इस बीच, ब्रिटिश संसद में परिणामी प्रशासनिक अराजकता और कंपनी
Continue Reading..पिट्स इंडिया एक्ट पिट्स इंडिया एक्ट कंपनी के क्षेत्रों को “भारत में ब्रिटिश संपत्ति” कहा जाता था, यह स्पष्ट दावा था कि ब्रिटिश क्राउन ने भारत में कंपनी द्वारा अधिग्रहित क्षेत्र पर स्वामित्व का दावा किया था। इस एक्ट के माध्यम से कम्पनी के व्यापारिक
Continue Reading..चार्टर एक्ट (Charter Act)- 1793: इस अधिनियम के माध्यम से कम्पनी के अधिकारों को 20 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया और नियंत्रक मण्डल (Board of Control) के सदस्यों को भारतीय राजस्व से वेतन देने की व्यवस्था की गई। ब्रिटिश भारतीय क्षेत्रों में लिखित विधियों
Continue Reading..भारत सरकार अधिनियम-1858 भारत सरकार अधिनियम 1858, ने भारत के संवैधानिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की। ईस्ट इंडिया कंपनी के परिसमापन के लिए भारत सरकार के अधिनियम के रूप में जाना जाने वाला अधिनियम और ब्रिटिश क्राउन के लिए सरकार, क्षेत्रों और
Continue Reading..Rajya Sabha or Council of States राज्य सभा को भारतीय संसद का द्वितीय (secondary chamber) या उच्च सदन (upper house) भी कहा जाता है। इसमें राज्यों के सदस्य होते हैं। ये सदस्य राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसे लोकसभा की तुलना में कम शक्तियाँ
Continue Reading..Powers and functions of the Rajya Sabha राज्यसभा लोकसभा की तुलना में एक शक्तिहीन सदन है। राज्यसभा की रचना लोकसभा के सहयोगी और सहायक सदन के रूप में की गयी है। फिर भी इसका अपना महत्व है। राज्यसभा की शक्तियाँ और कार्य अधोलिखित है। विधायी
Continue Reading..कैबिनेट मिशन योजना- 1946 14 मार्च 1946 को प्रधानमंत्री एटली ने ‘हाउस ऑफ कामन्स (House of Commons)’ में यह घोषणा करी की, भारतीयों को स्वतन्त्र होने का अधिकार है। इसके लिए उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों का एक तीन सदस्यीय समिति का घठन किया जिसमे –स्टेफोर्ड क्रिप्स
Continue Reading..राष्ट्रपति के पद की अवधि (Term of Office of The President): अनुच्छेद-56 के अनुसार राष्ट्रपति पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष की अवधि तक अपना पद धारण करता है। किन्तु वह पाँच वर्ष के पूर्व कभी भी उपराष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र दे सकता है। उसे संविधान का अतिक्रमण
Continue Reading..Speaker of the Lok Sabha संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार लोकसभा को अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष (Speaker) चुनने का अधिकार है। लोकसभा के अध्यक्ष व् उपाध्यक्ष दोनों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। वे इसके पूर्व भी स्वेच्छा से त्याग-पत्र दे सकते हैं। अध्यक्ष अपना
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