भारतीय लोक और जनजातीय नृत्य सरल नृत्य हैं, और आपस में आनंद और खुशी व्यक्त करने के लिए किए जाते हैं। लोक और जनजातीय नृत्यों को ऋतुओं के आगमन, बच्चे के जन्म, शादी और त्योहारों के अवसर पर किया जाता है। पुरुष और महिलाएं कुछ
Continue Reading..हाल ही में, तुर्की के राष्ट्रपति (रजब तैयब अरदगान) ने चोरा संग्रहालय (Chora museum) को एक मस्जिद में बदलने का निर्णय लिया है। चोरा संग्रहालय (Chora museum) वर्ष 534 ई. में इस चर्च का निर्माण बीजान्टिन काल (Byzantine period) में किया गया था, किन्तु वर्तमान
Continue Reading..नटेश मूर्ति (Natesa), 9 वीं शताब्दी की एक दुर्लभ बलुआ पत्थर की मूर्ति है, जिसका निर्माण प्रतिहार शैली (राजस्थान) में किया गया था। वर्ष 1998 में नटेश मूर्ति (Natesa Idol) चोरी हो गई थी, जिसे राजस्थान पुलिस ने लगभग 22 वर्षों के बाद पुनः प्राप्त
Continue Reading..सोहराई खोवर पेंटिंग (Sohrai Khovar Paintings) सोहराय खोवर पेंटिंग GI टैग प्रदान करने के लिए आवेदन सोहराई कला महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड द्वारा किया गया था। सोहराई खोवर पेंटिंग एक पारंपरिक और अनुष्ठानिक भित्ति कला है। भित्ति चित्र कलाकृति का एक टुकड़ा होता है,
Continue Reading..हाल ही में मणिपुर के काले चावल (Chak-Hao) और गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में निर्मित टेराकोटा को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया है। चक-हाओ (Chak-Hao) चक-हाओ (Chak-Hao) एक सुगंधित व चिपचिपा चावल है जिसकी खेती मणिपुर में सदियों से की जा रही है। इसकी मुख्य
Continue Reading..अंबुबाची मेला (Ambubachi Mela) प्रत्येक वर्ष असम के कामाख्या मंदिर (गुवाहाटी) में 22 से 27 जून तक आयोजित किया जाता है। प्रमुख बिंदु यह त्यौहार कामाख्या देवी मंदिर (गुवाहाटी, असम) में पीठासीन देवी की वार्षिक माहवारी का प्रतीक है। मंदिर के गर्भगृह में योनी (महिला
Continue Reading..‘पंथी (Panthi)’ छत्तीसगढ़ का एक लोक-नृत्य है। यह सतनाम पंथ का आध्यात्मिक एवं धार्मिक नृत्य होने के साथ-साथ एक अनुष्ठान भी है। यह नृत्य आदिवासी समूहों की समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को दर्शाता है। माघ पूर्णिमा पर गुरु बाबा घासीदास की जयंती, के अवसर
Continue Reading..मेडारम जात्रा उत्सव भारत के जयशंकर भूपलपल्ली जिले (तेलंगाना) में प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल में मनाया जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा जनजातीय उत्सव है। यह माघसुधा पौर्नामी (माघ पूर्णिमा) को मनाया जाता है। इस उत्सव में सम्मक्का एवं सारक्का नामक आदिवासी देवियों की
Continue Reading..2 मार्च, 2020 से नई दिल्ली में राष्ट्रीय विकलांग वित्त विकास निगम (NHFDC) द्वारा “EKAM उत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। प्रमुख बिंदु “EKAM उत्सव” दिव्यांगजन समुदाय के बीच उद्यमिता और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक प्रयास है। EKAM का मतलब है
Continue Reading..भारतीय शास्त्रीय संगीत को मुख्यत: दो भागो में विभाजित किया गया है – हिंदुस्तानी संगीत – यह मुख्य रूप से उत्तर भारत में प्रचलित है। कर्नाटक संगीत – यह मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में प्रचलित है। दोनों संगीतो का उद्भव भरत मुनि द्वारा लिखित
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